जबतक लडकी चुपचाप अन्याय सहती हे तबतक वो संस्कारी कहलाती हे और जब वो अन्याय के खिलाफ आवाज उठाती है तो उसे बुरा कहा जाता हैं, उसका साथ कोई नही देता सब उससे रिश्ते तोड़ देते है उसे देखना तक पसंद नही ...
जबतक लडकी चुपचाप अन्याय सहती हे तबतक वो संस्कारी कहलाती हे और जब वो अन्याय के खिलाफ आवाज उठाती है तो उसे बुरा कहा जाता हैं, उसका साथ कोई नही देता सब उससे रिश्ते तोड़ देते है उसे देखना तक पसंद नही ...