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संध्या की बेला

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जब देखा करता हूँ संध्या की शीतल बेला में अनन्त आकाश में उड़ती-चहकती चिड़िया । सहज रूप से खुश हो जाती है मीठी यादों के झरोखों से भीगी मेरी दोनों अँखिया ।। मन मेरा भी आनंदित हो चाहत करता उड़ानो की, ...

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