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समुंदर की लहर

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4.9

समुंदर की लहरों में हर कश्ती झूल रही है, मझधार में आकर के हर बार ये थम रही है, देखने को तो साहील का नजारा दूर न था मगर महोब्बत के इस खारे पानी में मेरी हस्ती डूब रही है, ...