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सामान

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चले गए तुम मुझ से दूर लेकिन बहुत सा सामान तुम्हारा मेरे साथ रह गया है मेरी आंखों में तेरते हुए तुम्हारे सपने मेरे दिल में तुम्हारे नाम की धड़कन मेरे मन में बसा हुआ तुम्हारा प्यार मेरे कानों में ...

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लेखक के बारे में
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अर्चना शर्मा

चित्रकार,पत्रकार,साहित्यकार जीव विज्ञान की व्याख्याता (पच्चीस साल)रही, सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य राज उच्च माध्यमिक विद्यालय से अब तक खूब पढ़ा, पढ़ाया अब कुछ सालों से लगातार लेखन का प्रयास।

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