फैलने दो खुशबू, बिखरने दो रंग। मौत के आगे भी जो न बदलेगा ढंग। जमाना याद रखेगा उसको जो करेगा जंग। लेकिन ये जंग नहीं किसी प्रत्यक्ष शत्रु से, दिखता नहीं है वायरस कायर सा वार करता है, इससे लड़ना साहस ...
फैलने दो खुशबू, बिखरने दो रंग। मौत के आगे भी जो न बदलेगा ढंग। जमाना याद रखेगा उसको जो करेगा जंग। लेकिन ये जंग नहीं किसी प्रत्यक्ष शत्रु से, दिखता नहीं है वायरस कायर सा वार करता है, इससे लड़ना साहस ...