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साक्षी, फेरे अग्नि के,

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अग्नि वो आग जो जन्म से मृत्यु तक, प्राय सुबह से शाम तक हमारे साथ इसका रिश्ता जुड़ा ही रहता है। सुबह सुबह बेड से निकाल नित्य क्रिया से निब्रित होकर पहले सुयॅ देवता फिर अग्नि देवता,  उसके बाद दिनचर्या ...

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लेखक के बारे में
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Sunita Verma

मैं एक मिडिल क्लास फैमिली से हूँ और क्या लिखूं पढ़ाई तो अच्छी खासी की पर जौब नहीं कर पायी, मेरे पति और मेरे दो बेटे हैं एक प्यारी सी बहु भी है ।बस अभी तक इतना ही कमा पायी, मेरे दोनों तरफ के परिवार बहुत ही अच्छे हैं । एक जिम्मेदारी बाकी है छोटे बेटे की वो अगर भगवान् ने चाहा तो शायद पूरी कर लुंगी ।पति को बच्चे संभाल लेंगे इतना विश्वास है मुझे ।मैं अभी दुसरी बार करोना की जंग लड़ रही हूँ ।बस थोड़ा लिखने पढ़ने का शौक है तो कभी-कभी वो भी पुरा करने की कोशिश करती हूँ ।वैसे और क्या कहूँ मैं, कैंसर की पेसेन्ट भी हूँ । भगवान् ने मुझे सब कुछ खुले हाथों से दिया है पर मैं खुश हूँ 🙏🏻

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