रात का सन्नाटा! हाथ में ब्लेड! कमरे में अँधेरा! राधा बुत बनी कई मिनट तक खड़ी रही। कमरा जाना पहचाना होकर भी अजनबी लगने लगा। सारा गाँव सोया पड़ा था। ‘घर से भागने वाली लड़कियों को ट्रक वाले उठा के ले ...

प्रतिलिपिरात का सन्नाटा! हाथ में ब्लेड! कमरे में अँधेरा! राधा बुत बनी कई मिनट तक खड़ी रही। कमरा जाना पहचाना होकर भी अजनबी लगने लगा। सारा गाँव सोया पड़ा था। ‘घर से भागने वाली लड़कियों को ट्रक वाले उठा के ले ...