जब अच्छा नही रहा, तो बुरा क्या रहेगा, समय ही तो है, टल जाएगा। समय का पहिया फिर चलेगा, अच्छा जाएगा,तो बुरा आएगा, बुरा जाएगा,तो अच्छा आएगा, सब समय का तो खेल है, तो जरा समय को थोड़ा समय दे,जरूर बदल ...
मैं वही लिखता हूँ,जो मैं देखता हूँ,सुनता हूँ,और महसूस करता हूँ।
कहानी हमारे जीवन के चारो तरफ मौजूद होती है,बस उसे देखने वाली आँखे चाहिए।
कलाकार मैं, कल को आकार दू ,अपनी कहानी के जरीए।
सारांश
मैं वही लिखता हूँ,जो मैं देखता हूँ,सुनता हूँ,और महसूस करता हूँ।
कहानी हमारे जीवन के चारो तरफ मौजूद होती है,बस उसे देखने वाली आँखे चाहिए।
कलाकार मैं, कल को आकार दू ,अपनी कहानी के जरीए।
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