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रूह के ज़ख्म # justice for rape victim अपनी ही सिसकियाँ उसे रातों में जगाती होंगी। अपनो के स्पर्श से वो दिन में भी चीख़ जाती होगी। तन के ज़ख़्म तो भर गए पर , मन के ज़ख़्मों को जाने ...