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ऋतु चक्र

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है कठिन आज जो छाया घनीभूत विस्तृत अंधेरा हार तू मत, रख हिम्मत होगा  एक नया सवेरा ऋतु चक्र का नियम है हर रात के बाद सवेरा है है दुख के अधियारी बादल सुख के सुनहरा उकेरा है ...

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लेखक के बारे में
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Dr Brijwasi Gupta

ना कवि, ना लेखक, ना ही इतिहासकार हूँ… जीवन है अबूझ पहेली, उसके कुछ पल लिखता हूँ.. मैं शब्द नही,अहसास लिखता हूं समझना थोड़ा मुश्किल है साहब लोग अल्फाज़ पढ़ते हैं।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Mahendra Maurya
    12 दिसम्बर 2020
    बहुत बेहतरीन प्रस्तुति
  • author
    Sejal
    12 दिसम्बर 2020
    nice
  • author
    Mythily Gupta
    12 दिसम्बर 2020
    nice
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    Mahendra Maurya
    12 दिसम्बर 2020
    बहुत बेहतरीन प्रस्तुति
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    Sejal
    12 दिसम्बर 2020
    nice
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    Mythily Gupta
    12 दिसम्बर 2020
    nice