pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

है कठिन आज जो छाया घनीभूत विस्तृत अंधेरा हार तू मत, रख हिम्मत होगा  एक नया सवेरा ऋतु चक्र का नियम है हर रात के बाद सवेरा है है दुख के अधियारी बादल सुख के सुनहरा उकेरा है ...