परिवारों के बीच फासले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, पहले संयुक्त परिवार थे, बच्चे दादा-दादी , चाचा- चाची, ताऊ-ताई, बुआ इन सभी के बीच अपना बचपन जीते थे, इनसे कहानियाॅं सुनते थे, लोरी सुनते थे, दुखी होने पर ...

प्रतिलिपिपरिवारों के बीच फासले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, पहले संयुक्त परिवार थे, बच्चे दादा-दादी , चाचा- चाची, ताऊ-ताई, बुआ इन सभी के बीच अपना बचपन जीते थे, इनसे कहानियाॅं सुनते थे, लोरी सुनते थे, दुखी होने पर ...