तेरे दर पर भूखी- प्यासी एक चिड़िया बनकर बैठा हूं तेरे आंगन में जो शबनम है, मुझे उससे प्यास बुतू थकती तो शीतल नदियां, तेरे पावों को छू बहतीं तेरे छूने की ख्वाहिश से, मुझे अपनी थकन मिटानी है। ...
तेरे दर पर भूखी- प्यासी एक चिड़िया बनकर बैठा हूं तेरे आंगन में जो शबनम है, मुझे उससे प्यास बुतू थकती तो शीतल नदियां, तेरे पावों को छू बहतीं तेरे छूने की ख्वाहिश से, मुझे अपनी थकन मिटानी है। ...