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रेपिस्ट और कातिल

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क्या हुआ बेटा ! आज ये फूल सा चेहरा इतना उदास क्यों है ? नेहा के पापा ने कहा तो नेहा बोली कुछ नही पापा आज स्कुल में सर ने सभी को ट्यूशन आने को कहा है। जो उनके पास ट्यूशन नही जायेगा। उसे वह फेल कर ...

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लेखक के बारे में

जन्म 23 मई पांढुर्ना जिला छिंदवाड़ा। शिक्षा - शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज बेतुल से ३ वर्षीय डिप्लोमा, भोज् यूनिवर्सिटी भोपाल से बी.ए. मे हिंदी साहित्य से पढ़ाई कर रहा हूँ।वर्तमान राजा भोज एअरपोर्ट भोपाल में कार्यरत। रूचि कविता, कहानी, यात्रा व्रतांत लेखन पीपुल्स समाचार व् नवदुनिया में कविता प्रकशित। प्रतिलिपी साहित्य समारोह 2017 -विशेष सम्मानित किया गया (रेपिस्ट और कातिल)कहानी के लिए । साहित्य कला मंच सीहोर - मान पत्र। विश्व हिंदी संस्थान कनाडा (भोपाल) - मान पत्र एहबाबे उर्दू व साहित्य कला मंच देवास - मान पत्र रंजन कलश द्वारा - माहेश्वरी सम्मान दिया गया राष्ट्रीय कवि चौपाल से - मनीषी सम्मान दिया गया। 2019 विश्व मैत्री मंच व साहित्य साधिका मंच आगरा से - सारस्वत सम्मान 2019 आरिणी चेरिटेबल फाउंडेशन की ओर से - राष्ट्रीय आरिणी साहित्य सम्मान सुर ताल संगम लखनऊ व अन्नपूर्णा सेवा संस्थान सीतापुर ( कांरवा) की ओर से--- समाज रत्न सम्मान बुक क्लीनिक पब्लिकेशन से - नारी तु नारायणी ( साझा संग्रह) लेखक मनोज देशमुख, साक्षी जैन आगामी पुस्तक - एलियंस जो की जल्दी आने वाली है । इतर इलेक्ट्रोनिक्स एंड टेलीकॉम्युनिकेशन में । [email protected] / Mobile no. 9713467500

समीक्षा
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  • author
    Neelima Ghosh
    11 फ़रवरी 2018
    एक लड़की ने दूसरी लड़की के साथ धोखा किया ये भी शर्मनाक है.... कम उम्र के लड़कों का मानसिक विकृति भयानक खतरनाक था.....
  • author
    Endless
    02 मई 2018
    आखिर कोई लड़की एक लड़की क के साथ ऐसा कैसे कर सकती है
  • author
    17 नवम्बर 2017
    मानवता को कलंकित और देश को शर्मसार करती ऐसी घटनाओं का बढ़ना , बढ़ती पाशविक वृत्ति का सूचक है। विडम्बना यह है कि ऐसे जघन्य अपराधों का फैसला लेने में इतना गहन विचार विमर्श होता है,४-५ बरस लग जाते हैं कि आरोपियों को फांसी दें या नहीं,फिर उम्र देखी जाती है कि कहीं आरोपी नाबालिग तो नहीं,मतलब आरोपी के बचने की हर संभावना देखी जाती है। मैं पूछती हूं ऐसे मामलों में इतना उदारवादी दृष्टिकोण दिखाने का करता मतलब...। दिल्ली १२ दिसंबर ,जिस आरोपी ने सबसे ज्यादा दरिंदगी दिखाई,आज वो नाबालिग घोषित हो स्वतंत्र जीवन यापन कर रहा है और जनता ने जब हंगामा किया , तो नाबालिग उम्र मानक १६ कर दिया गया। मतलब १से १५ वर्ष की उम्र वाले ऐसी घटनाओं को अंजाम देने के लिए स्वतंत्र है? आखिर उम्र का इससे क्या लेना देना।निर्भय कर देना ही , निर्भया जैसे हत्याकांड को जन्म देता है। मुझे अपने देश का वह स्तर चाहिए , जहां देश का हर एक कोना निर्भया और शक्ति जैसी घटनाओं से रिक्त मिले ।
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    Neelima Ghosh
    11 फ़रवरी 2018
    एक लड़की ने दूसरी लड़की के साथ धोखा किया ये भी शर्मनाक है.... कम उम्र के लड़कों का मानसिक विकृति भयानक खतरनाक था.....
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    Endless
    02 मई 2018
    आखिर कोई लड़की एक लड़की क के साथ ऐसा कैसे कर सकती है
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    17 नवम्बर 2017
    मानवता को कलंकित और देश को शर्मसार करती ऐसी घटनाओं का बढ़ना , बढ़ती पाशविक वृत्ति का सूचक है। विडम्बना यह है कि ऐसे जघन्य अपराधों का फैसला लेने में इतना गहन विचार विमर्श होता है,४-५ बरस लग जाते हैं कि आरोपियों को फांसी दें या नहीं,फिर उम्र देखी जाती है कि कहीं आरोपी नाबालिग तो नहीं,मतलब आरोपी के बचने की हर संभावना देखी जाती है। मैं पूछती हूं ऐसे मामलों में इतना उदारवादी दृष्टिकोण दिखाने का करता मतलब...। दिल्ली १२ दिसंबर ,जिस आरोपी ने सबसे ज्यादा दरिंदगी दिखाई,आज वो नाबालिग घोषित हो स्वतंत्र जीवन यापन कर रहा है और जनता ने जब हंगामा किया , तो नाबालिग उम्र मानक १६ कर दिया गया। मतलब १से १५ वर्ष की उम्र वाले ऐसी घटनाओं को अंजाम देने के लिए स्वतंत्र है? आखिर उम्र का इससे क्या लेना देना।निर्भय कर देना ही , निर्भया जैसे हत्याकांड को जन्म देता है। मुझे अपने देश का वह स्तर चाहिए , जहां देश का हर एक कोना निर्भया और शक्ति जैसी घटनाओं से रिक्त मिले ।