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रावण मारीच संवाद

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रावण मारीच संवाद ***************** सूर्पनखा की दशा देख रावण बहुत अकुलाया, आनन फानन में उसने मामा मारीच को बुलवाया। फिर मारीच को रावण ने अपना मंतव्य बताया, रावण का मंतव्य जान मारीच बहुत अकुलाया। ...

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लेखक के बारे में
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Sudhir Srivastava

संक्षिप्त परिचय ============ नाम-सुधीर कुमार श्रीवास्तव (सुधीर श्रीवास्तव) जन्मतिथि-01.07.1969 शिक्षा-स्नातक,आई.टी.आई.,पत्रकारिता प्रशिक्षण(पत्राचार) पिता -स्व.श्री ज्ञानप्रकाश श्रीवास्तव माता-स्व.विमला देवी धर्मपत्नी,-अंजू श्रीवास्तवा पुत्री-संस्कृति, गरिमा साहित्यिक गतिविधियाँ-विभिन्न विधाओं की रचनाएं कहानियां,लघुकथाएं कविताएं लेख,परिचर्चा,पुस्तक समीक्षा आदि का 100 से अधिक स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर की पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित।दो दर्जन से अधिक संकलनों में रचनाओं का प्रकाशन। सम्मान- एक दर्जन से अधिक सम्मान पत्र। मो. &वाट्सएप-8115285921 पैतृक निवास-ग्राम-बरसैनियां,पो.-दिनकरपुर,मनकापुर, जिला-गोण्डा(उ.प्र.)271302 वर्तमान निवास-मो.-शिवनगर, पोस्ट-इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, जिला-गोण्डा, उ.प्र.,271002 नोट-कुछ व्यक्तिगत कारणों से 17-18वषों से समस्त साहित्यिक गतिविधियों पर विराम रहा।कोरोना काल ने पुनः सृजनपथ पर आगे बढ़ने के लिए विवश किया या यूँ कहें कि मेरी सुसुप्तावस्था में पड़ी गतिविधियों को पल्लवित होने का मार्ग प्रशस्त किया है।

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