दुनिया में भरे हैं गम कितने शिकायतें हम कितनी करें किससे करें और क्यों करें अपना जीवन हम खुद सँवारे। गा लें ,हँसे , और खिलखिलाए दुख शोक छोड़ें, हम गुनगुनाएं जिन्दगी में भरी हैं रुसवाईयाँ ही क्यों ...
दुनिया में भरे हैं गम कितने शिकायतें हम कितनी करें किससे करें और क्यों करें अपना जीवन हम खुद सँवारे। गा लें ,हँसे , और खिलखिलाए दुख शोक छोड़ें, हम गुनगुनाएं जिन्दगी में भरी हैं रुसवाईयाँ ही क्यों ...