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रमता जोगी

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तुम मेरी राग रागिनी।   शब्दों में अलंकार वाहिनी । जल में तुम तरंग  जैसी। संगीत में हो मृदंग जैसे।। तुम मुझ में रहती हो बादल में पानी की तरह । योगी में छुपी हो आत्मिक गहराई  की तरह । मधुर शहनाई की ...

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Santosh Joshi

Post Graduate in Hindi Ssj campus Almora.

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