अमीर खुसरो की फारसी में एक गजल है मन तू शुदम, तू मन शूदी मन तन शुदम, तू जान शुदी। ता कस न गूयद बाद अजीं मन दीगरम तू दीगरी। अर्थात मैं तू हो गया,और तू मैं हो गया।मैं बदन हो गया, तू जान बन गया,अब ...
अमीर खुसरो की फारसी में एक गजल है मन तू शुदम, तू मन शूदी मन तन शुदम, तू जान शुदी। ता कस न गूयद बाद अजीं मन दीगरम तू दीगरी। अर्थात मैं तू हो गया,और तू मैं हो गया।मैं बदन हो गया, तू जान बन गया,अब ...