pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

रहीम के मदनाष्टक

4
853

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

मूल नाम : अब्दुल रहीम ख़ान-ए-ख़ाना उपनाम : रहीम जन्म : 1556, लाहौर देहावसान: 1627, आगरा भाषा : ब्रजभाषा, अवधी, संस्कृत विधाएँ : दोहा, सोरठा, बरवै, सवैया अब्दुल रहीम ख़ान-ए-ख़ाना जो कि अपने उपनाम रहीम के नाम से विख्यात रहे हैं, मुगल सम्राट अकबर के नवरत्नों में से एक हैं, ये भारत की गंगा-जमुनी तहजीब के सर्वर्श्रेठ उदाहरणों में से एक हैं. रहीम ने ब्रजभाषा, पूर्वी अवधी, संस्कृत और खड़ी बोली में अनेक दोहों, सोरठों, सवैयों वगैरा की रचना की है. रहीम एक साहित्यकार होने के साथ साथ ज्योतिष, दानवीर, बहुभाषाविद्, एवम प्रशासक भी थे|

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है