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रात गई बात गई...

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हम सब जंगल की तरफ गए जरूर थे, पर रुकने के लिए नहीं, बस लिपि मईया के कहने पर...!! बाकि सोच हमारी आप जैसी है, कही रुकना नहीं, जाना है... जलवा दिखाना है, और वापस घर आ जाना है...!! सुकुन की नींद ...