साथ चलते -2, साथ पढ़ते-लिखते, कभी लड़ते कभी झगड़ते..... कब निकल गया वो नादान बचपन पता ही नहीं चला..... ना जाने कितनी ही उलझनों को सुलझाया तुमनें .. हर मोड़ पर रास्ता दिखाया तुमने.. दूर हैं हम फिर भी हैं ...
साथ चलते -2, साथ पढ़ते-लिखते, कभी लड़ते कभी झगड़ते..... कब निकल गया वो नादान बचपन पता ही नहीं चला..... ना जाने कितनी ही उलझनों को सुलझाया तुमनें .. हर मोड़ पर रास्ता दिखाया तुमने.. दूर हैं हम फिर भी हैं ...