पुरूष बेचारा *********** पुरूष बेचारा, किस्मत का मारा नहीं मिलता उसे किनारा, गधों की तरह दिन भर, रोजी रोजगार करता, घर पहुंचता तो माँ,बाप,पत्नी के उलाहने, शिकायतें सुनता, बच्चों की फरमाइशें सुनता, ...
पुरूष बेचारा *********** पुरूष बेचारा, किस्मत का मारा नहीं मिलता उसे किनारा, गधों की तरह दिन भर, रोजी रोजगार करता, घर पहुंचता तो माँ,बाप,पत्नी के उलाहने, शिकायतें सुनता, बच्चों की फरमाइशें सुनता, ...