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पुरखा के सुरता

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*पुरखा के सुरतां.....* बबा पुरखा मन  जीनगी म अपन भोगे हवय भारी... भुखमरी के सहे हावय , अड़बड़ अतियाचारी..... दार भात हर नोहर राहय, बासी पसीया म करय बिगारी... बबा....... _________________________ ...

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Kiran Kumar
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