कुछ पुराने तो कुछ ताजे दर्द को ,संवेदनाओं की कलम से, किताब पर उतारने आया हु। सुखी हुई जज़्बातों की स्याही पर कुछ बूंदे प्यार की शिडकने आया हु। ताकि फिर से एकबार जिंदगी मुस्कराने लगे, अहसास जगने लगे, फिर एक सुबह खुशियों से भर जाए । फिर वो सुकून की रात लोट आए। और मन फिर से बोल उठे "लव यू जिंदगी"।
ऐसे ही कलम नही उठाई मैने, किसी जगह से हारा गया हु मे, अब मेरी सारी शिकायत है जो बया करता हु, क्युकी की किसी ने खामोश सा कर दिया मुझको,जीना चाहता हु, जितना चाहता हु अपने आप को। सुख का त्याग कर कठोर मेहनत के बल पर जीवन की नई राह लिखने चल पड़ा हु यू ही अकेला।
रिपोर्ट की समस्या
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