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<p>प्रेम हमारी शैली है, प्रेम ही जीवन-दान ।</p> <p>कुछ भी कर दें प्रेम-हित, छोड़ अहम् अभिमान ।।1</p> <p>एक प्रेम के कारण ही, जीवन स्वर्ग बना ।</p> <p>चलता जो यहां प्रेम-पथ, वही केवल अपना ...
नाम : आचार्य शीलक राम पिता का नाम : श्री ओमप्रकाश जांगडा जन्म स्थान : ग्राम डाकखाना-चुलियाणा(रोहज) जिला-रोहतक (हरियाणा) -124527 # शैक्षिक योग्यता : स्नातकोत्तर (दर्शनशास्त्र, हिंदी, संस्कृत) एम.फिल.(दर्शनशास्त्र), पीएच.डी. # कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत। # इसके अलावा लेखक ग्यारह अंतर्राष्ट्रीय शोध-पत्रिकाओं के संपादक भी है। प्रकाशित पुस्तकें • जीवन-दर्शन एवं संस्कृति • ब्रह्मज्ञानी कौन? पं. लखमीचंद, दादा बस्ती राम या बाजेभगत • पं. लखमीचंद के सांगो का दार्शनिक विवेचन (दर्शन) • आख्यां देखी(हरियाणवी नाटक) • भगवान का गीत(हरियाणवी गीता) (हरियाणा साहित्य अकादमी से पुरस्कृत) • अमृतकलश - धनपत सिंह निंदाणा (ग्रंथावली) • लूट सके तो लूट (सार्वभौम दर्शन) • हरियाणवी लोकसाहित्य में दर्शन की अवधारणा:पं. लखमीचंद व बाजे भगत के संदर्भ में • राष्ट्रनायक : हमारा हरियाणा, विकसित हरियाणा (महाकाव्य) • ढाई आखर प्रेम का (हरियाणा साहित्य अकादमी से पुरस्कृत) • मुक्तिदाता चौधरी छोटूराम • प्रेम की झील में विश्वासघात के कांटे(प्रेम का दर्शन) • प्रेम-सरोवर (प्रेम का दर्शन) • प्रेम-पूजा(प्रेम का दर्शन) • प्रेम से प्रेम तक (प्रेम का दर्शन) • प्रेम की पाती (प्रेम का दर्शन) • दर्शन-ज्योति (दार्शनिक शोध-लेख संग्रह) • माता-पिता का आतंक (काव्य संग्रह) • समकालीन दार्शनिक जे. कृष्णमूर्ति के दर्शन में ध्यान की अवधारणा का समीक्षात्मक अध्ययन • ओशो महाकाव्य • हरियाणवी लोककाव्य में दर्शन की अवधारणा (दार्शनिक शोध-लेख संग्रह) • सनातन भारतीय योग-साधना एवं इसकी विभिन्न ध्यान विधियां • भारतीय दर्शन की सनातन परंपरा • भारतीय-दर्शन के विविध आयाम • भारतीय-दर्शन एवं हरियाणवी लोक जीवन • व्यावहारिक दर्शनशास्त्र • आज का दर्शनशास्त्र • जागो भारत (Philosophy of Nation) • वैदिक प्रार्थना • भगवान बुद्ध का आर्य वैदिक सनातन हिन्दू दर्शन • विश्वगुरु भारत • दर्शनशास्त्र • आर्य हिन्दुत्व • अथातो भारतीय दर्शन शास्त्र जिज्ञासा संकलन : विभिन्न समाचार पत्रों व पत्रिकाओं में तीन सौ से ज्यादा लेख धर्म, संस्कृति दर्शन व योग पर प्रकाशित विशेष : गत डॆढ. दशक से भारतीय संस्कृति, धर्म, दर्शन, योग व हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार हेतु प्रयासरत व लोकसाहित्य में विशिष्ट आलोचक के रुप में पहचान।
नाम : आचार्य शीलक राम पिता का नाम : श्री ओमप्रकाश जांगडा जन्म स्थान : ग्राम डाकखाना-चुलियाणा(रोहज) जिला-रोहतक (हरियाणा) -124527 # शैक्षिक योग्यता : स्नातकोत्तर (दर्शनशास्त्र, हिंदी, संस्कृत) एम.फिल.(दर्शनशास्त्र), पीएच.डी. # कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत। # इसके अलावा लेखक ग्यारह अंतर्राष्ट्रीय शोध-पत्रिकाओं के संपादक भी है। प्रकाशित पुस्तकें • जीवन-दर्शन एवं संस्कृति • ब्रह्मज्ञानी कौन? पं. लखमीचंद, दादा बस्ती राम या बाजेभगत • पं. लखमीचंद के सांगो का दार्शनिक विवेचन (दर्शन) • आख्यां देखी(हरियाणवी नाटक) • भगवान का गीत(हरियाणवी गीता) (हरियाणा साहित्य अकादमी से पुरस्कृत) • अमृतकलश - धनपत सिंह निंदाणा (ग्रंथावली) • लूट सके तो लूट (सार्वभौम दर्शन) • हरियाणवी लोकसाहित्य में दर्शन की अवधारणा:पं. लखमीचंद व बाजे भगत के संदर्भ में • राष्ट्रनायक : हमारा हरियाणा, विकसित हरियाणा (महाकाव्य) • ढाई आखर प्रेम का (हरियाणा साहित्य अकादमी से पुरस्कृत) • मुक्तिदाता चौधरी छोटूराम • प्रेम की झील में विश्वासघात के कांटे(प्रेम का दर्शन) • प्रेम-सरोवर (प्रेम का दर्शन) • प्रेम-पूजा(प्रेम का दर्शन) • प्रेम से प्रेम तक (प्रेम का दर्शन) • प्रेम की पाती (प्रेम का दर्शन) • दर्शन-ज्योति (दार्शनिक शोध-लेख संग्रह) • माता-पिता का आतंक (काव्य संग्रह) • समकालीन दार्शनिक जे. कृष्णमूर्ति के दर्शन में ध्यान की अवधारणा का समीक्षात्मक अध्ययन • ओशो महाकाव्य • हरियाणवी लोककाव्य में दर्शन की अवधारणा (दार्शनिक शोध-लेख संग्रह) • सनातन भारतीय योग-साधना एवं इसकी विभिन्न ध्यान विधियां • भारतीय दर्शन की सनातन परंपरा • भारतीय-दर्शन के विविध आयाम • भारतीय-दर्शन एवं हरियाणवी लोक जीवन • व्यावहारिक दर्शनशास्त्र • आज का दर्शनशास्त्र • जागो भारत (Philosophy of Nation) • वैदिक प्रार्थना • भगवान बुद्ध का आर्य वैदिक सनातन हिन्दू दर्शन • विश्वगुरु भारत • दर्शनशास्त्र • आर्य हिन्दुत्व • अथातो भारतीय दर्शन शास्त्र जिज्ञासा संकलन : विभिन्न समाचार पत्रों व पत्रिकाओं में तीन सौ से ज्यादा लेख धर्म, संस्कृति दर्शन व योग पर प्रकाशित विशेष : गत डॆढ. दशक से भारतीय संस्कृति, धर्म, दर्शन, योग व हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार हेतु प्रयासरत व लोकसाहित्य में विशिष्ट आलोचक के रुप में पहचान।