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...... ' प्रश्नावली ' ....

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....... 'प्रश्नावली' .... बातों ही बातों में  बात चली , अरसे बाद जो सखियाँ चार मिलीं , खयाल थे सबके अलग अलग , सवाल थे सबके अलग अलग प्रश्नों की बौछार हुई , जाने कब यूँ शाम ढली , बनते बनते बन गयी , ...

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लेखक के बारे में
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Anand Gupta

मैं कविताएं लिखने का शौकीन हूँ , मेरी कविताएं एक विशेष संदेश देती हैं

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