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प्रकाश और रुक्मिणी की प्रेम कहानी

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रे उपन्यास को पढ़ते हुए कई पाठक प्रकाश और रुक्मिणी के बारे में और जानना चाहते थे। वे जानना चाहते थे कि यह कहानी किसी की खुद की कहानी तो नहीं है। एक पाठक ने पुछ लिया कि कहीं यह मेरी ही कहानी तो ...

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लेखक के बारे में

' मेरी रुक्कू ' का लेखक अपने आसपास जो कुछ देखता हूँ ,उस पर मन में उठते विचारों को कागज पर लिख डालता हूँ। वास्तविकता के करीब और कल्पना से परे मेरी रचनाओं को एक.बार पढ़कर देखें, शायद आपको मेरी रचनाओं से प्यार हो जाये। अब तक प्रकाशित कुछ उपन्यास- अनचाही बेटी, भीष्म, तेरी जुल्फों के साये में। अभी जारी उपन्यास - धारुआडीह के खौफ़नाक भूत। मेरे नया उपन्यास 'मेरी रुक्कू ' का सीजन -२ शुरू हो गया है और अभी जारी है। जरा पढ़कर तो देखें! कृपया इस फोन नंबर पर संपर्क करें - 7978124479, ईमेल- [email protected] एकबार मेरी रचनायें पढ़कर देखें , शायद आपको पढ़ने की एक वजह मिल जाये! पेरी सूर्यनारायण मूर्ती ' सूर्य '

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