प्रज्ञानं ब्रह्म प्रज्ञान ही ब्रह्म है। ~ ऐतरेय उपनिषद्, तृतीय अध्याय, प्रथम खंड, श्लोक क्रमांक २ आचार्य प्रशांत: आज का महावाक्य है, 'प्रज्ञानं ब्रह्म', ऋग्वेद के ऐतरेय उपनिषद् से। प्रज्ञान ही ...
प्रज्ञानं ब्रह्म प्रज्ञान ही ब्रह्म है। ~ ऐतरेय उपनिषद्, तृतीय अध्याय, प्रथम खंड, श्लोक क्रमांक २ आचार्य प्रशांत: आज का महावाक्य है, 'प्रज्ञानं ब्रह्म', ऋग्वेद के ऐतरेय उपनिषद् से। प्रज्ञान ही ...