उसने कहा - बिना वज़ह है इसलिए ऐसे मुसकुरा पातें हो , ज़रूरी तो नहीं ख़ुशी किसीके मोहताज हो ! किसीके हुकुम के ग़ुलाम हो ! बस वो यूँ ही होंठों पे आएं , और हसी छा जाएं।
उसने कहा - बिना वज़ह है इसलिए ऐसे मुसकुरा पातें हो , ज़रूरी तो नहीं ख़ुशी किसीके मोहताज हो ! किसीके हुकुम के ग़ुलाम हो ! बस वो यूँ ही होंठों पे आएं , और हसी छा जाएं।