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पिता श्री

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पौराणिक कथाओं में कभी कभी ऐसे प्रसङ्ग सामने आते हैं जिसे पढ़ते हुए हृदय गदगद हो जाता है । एक बार गणेश जी ने भगवान शिव जी से कहा, पिता जी ! आप यह चिता भस्म लगा कर, मुण्डमाला धारण कर अच्छे नहीं लगते, ...

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लेखक के बारे में
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kishan kumar Prajapat

आसानी से टूट जाऊँ वो इंसान थोड़ी हूँ, सबको पसन्द आ जाऊँ भगवान थोड़ी हूँ।।

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