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पिता जी

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तुम कितने बुरे थे पापा कोई ऐसा कैसे हो सकता है ! दुनिया के सारे संघर्ष अपने हिस्से कर लिया ! हमे खुशियों का जहां  दे दिया ! तुम धूप में थकते क्यों नही थे पापा तुम दोपहर मे कभी सोते क्यों नही थे ...

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utkrisht singh
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