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पिता है तो सब कुछ है

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🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩“कभी अभिमान तो कभी स्वाभिमान है पिता कभी धरती तो कभी आसमान है पिता जन्म दिया है अगर माँ ने जानेगा जिससे जग वो पहचान है पिता….” “कभी कंधे पे बिठाकर मेला दिखाता है ...

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लेखक के बारे में
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Sandeep Gehlaut

लघु कथा हिन्दू चिंतन सामाजिक कार्यकर्ता कुछ अपने बारे मे प्यार जीवन की उथल पुथल

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    DEEKSHA PATHAK "आराध्या"
    22 अक्टूबर 2021
    अद्धभुत बहुत सुंदर
  • author
    Jitendra Mishra
    16 जुलाई 2021
    बहुत बेहतरीन कभी हमारी भी रचना भी पड़ा प्यारे समीक्षा करो और खुद को जज मानो।
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    DEEKSHA PATHAK "आराध्या"
    22 अक्टूबर 2021
    अद्धभुत बहुत सुंदर
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    Jitendra Mishra
    16 जुलाई 2021
    बहुत बेहतरीन कभी हमारी भी रचना भी पड़ा प्यारे समीक्षा करो और खुद को जज मानो।