pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

पिंजरे में बंद एक पक्षी की आत्मकथा

13

मैं एक नन्ही सी चिड़ियाँ हूँ अभी अभी ही मैंने अपने पंखों के सहारे उड़ना सीखा हैं. अमूमन मैं नीम के पेड़ पर बने घौसले में बैठी आस पास के नजारे को निहारती रहती हूँ. माँ सुबह का दाना देकर भोजन की तलाश में ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Krishna Bagathriya

please don't message me... I kindly request🙏

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है