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पीना छोड़ दिया जाये

4.0
2077

शीशे सा भरा नस नस में उठकर न अब चला जाये। कोई सहारा देकर उठाये खुद से अब न उठा जाये अक्सर सोचा मैंने मय पिये पीना अब छोड़ दिया जाये। जब पीते थे यारों में जीते थे अब तन्हा किधर जिया जाये। आते आते ही ...

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लेखक के बारे में

विज्ञान पारास्नातक ,भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी (सेवा निवृत), मूल रूप से झाँसी निवासी , कोचिन में निवासरत। पूर्व सहायक आयुक्त सीमाशुल्क । लिखने पढ़ने का शौक है कुछ पुस्तकें प्रकाशित। उल्लेखनीय पुस्तके, संवाद (कविता संग्रह), लुटेरों का टीला,चंबल( लघु उपन्यास), अष्ट योगी(लघु उपन्यास),

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Arun Sharma
    26 மே 2019
    पीना छोड दिया जाय 👌👌👌👌👌
  • author
    Virat 😘😘
    27 மே 2020
    nice line👌👌
  • author
    नितीश सिंह
    28 நவம்பர் 2018
    बहुत खूब👌👌👍
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  • author
    Arun Sharma
    26 மே 2019
    पीना छोड दिया जाय 👌👌👌👌👌
  • author
    Virat 😘😘
    27 மே 2020
    nice line👌👌
  • author
    नितीश सिंह
    28 நவம்பர் 2018
    बहुत खूब👌👌👍