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पहली बारिश की बूंदे.... (बरसात में मेरे दुख को शब्दों के माध्यम से दिखने वाली कविता)

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पहली बारिश की बूंदे... पहली बारिश की बूंदे...llधृll जब बाहर दिन-रात बरस कर तू,मेरे रोजगार को छीन लेगा जब रातो में मेरे बिस्तर के नीचे आकर ,बच्चो की नींद  लेगा घर के अंदर रह कर भी मुझपर, इस साल भी बरस ...