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पेड़, चिड़िया और बिटिया

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बाबा ने इक पेड़ लगाया बड़े प्यार से पाला पोसा मेरे आंगन की वह छत था, बड़ा हुआ तो उसके नीचे खेल-कूदकर बड़े हुए हम मेरी बेटी है अब छोटी रोज खेलती पेड़ तले वह, चिड़ियों से बतियाती रहती इक दिन काला कौआ ...

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लेखक के बारे में
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राकेश भ्रमर

जन्मः एक जनवरी उन्नीस सौ छप्पन (01-01-1956) रायबरेली`] उत्तर प्रदेश शिक्षाः एम. ए. प्राचीन इतिहास] इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रकाशनः सरिता] मुक्ता] गृहशोभा] भूभारती] Women’s Era, Caravan, Alive, North East Times, सारिका] साप्ताहिक हिन्दुस्तान] नवनीत] कादम्बिनी] हंस] पाखी] कथादेश] कथाक्रम] साहित्य अमृत] नया ज्ञानोदय] दैनिक जागरण] दैनिक भास्कर] अमर उजाला] नवभारत टाइम्स] नवभारत] नई दुनिया] कंचनप्रभा] मेरी सहेली] आदि हिन्दी की जानी-मानी पत्र-पत्रिकाओं में कहानियां] गजलें] गीत] कविताएं] लघुकथायें प्रकाशित प्रसारणः दूरदर्शन लखनऊ] आकाशवाणी रामपुर] जबलपुर] मुंबई] वाराणसी और शहडोल से रचनाओं का प्रसारण एवं पाठ. प्रकाशित कृतियां : . उपन्यासः उस गली में] डाल के पंछी] ओस में भीगी लड़की] काले सफेद रास्ते . कहानी संग्रहः अब और नहीं] सांप तथा अन्य कहानियां] प्रश्न अभी शेष है] आग बुझने तक एवं मरी हुई मछली . गजल संग्रहः हवाओं के शहर में] जंगल बबूलों के] रेत का दरिया शबनमी धूप. . व्यंग्य संग्रहः दीमक] सांप एवं बिच्छू . निबंध संग्रहः कुछ मोती] कुछ कांटे . कविता संग्रहः अम्मा क्यों रोईं . संपादितः प्राची की ओर (ग़ज़ल संग्रह) . लघुकथा संग्रहः उसके आंसू

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Satyendra Kumar Upadhyay
    20 अक्टूबर 2015
    अत्यंत सारयुक्त व प्रासंगिक ।
  • author
    Omprakash Bharti
    01 नवम्बर 2024
    सुंदर कविता
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    Satyendra Kumar Upadhyay
    20 अक्टूबर 2015
    अत्यंत सारयुक्त व प्रासंगिक ।
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    Omprakash Bharti
    01 नवम्बर 2024
    सुंदर कविता