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पवित्र रिश्ता...

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ना कोई वादा, ना कोई सौगंध, फिर भी दिलों में बंधा एक अनोखा बंधन, ना कोई शर्त, ना कोई मांग, फिर भी सबसे सुंदर, सबसे प्यारा संग... पवित्र रिश्ता वो है, जहां मौन भी शब्द बन जाते हैं, जहां दूरियां भी ...

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काव्यगंधा ❤️

"चारोळी नसते फक्त शब्दांची रांग, ती असते हृदयातली शांत आर्त तान… प्रेम, विरह, आठवणी – सगळं सामावलेलं, चार ओळींत अवघं विश्व गुंफलेलं…"

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