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प्रिय निधी सर्द, सीलन और स्मृतियों के दौरान तुम्हारी यादे हां और न के बीच डोल रही है, लेकिन तुम्हारी यादों में अब वो स्नेह नहीं जो विघ्नों के सहारे बहा करता था। वह मोह नहीं जो पीड़ा की नाव पर ...

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लेखक के बारे में

लिखना मेरे लिये शब्दो की कोई जादुगरी नहीं बल्कि ज़िन्दगी से बात करने का एक रास्ता सा है।

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