मंजरी कक्षा -6 पाठ-2 भाग-2 अपना स्थान स्वयं बनाइये वित्तमंत्री बनकर युवक ईमानदारी से करता काम। न करता आलस,बेईमानी,औरों का भी रखता ध्यान।। चुगलखोर कुछ मंत्री गणों को वह खलता दिन-रात। दण्ड ...
नारी तुम केवल वस्तु नही , हो अमर प्रेम की अमरकथा।।
युग युग से जलती आई हो,अब बदलो अपनी करुण व्यथा।।
मैं एक शिक्षिका,एक पत्नी,एक प्रेमिका,एक मां .... एक स्त्री हूं।।
सारांश
नारी तुम केवल वस्तु नही , हो अमर प्रेम की अमरकथा।।
युग युग से जलती आई हो,अब बदलो अपनी करुण व्यथा।।
मैं एक शिक्षिका,एक पत्नी,एक प्रेमिका,एक मां .... एक स्त्री हूं।।
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बधाई हो! पाठ 2विषय- मंजरी कक्षा- 6
पाठ- 2 भाग- 2
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