तीन प्रसंग पता नहीं क्या बदला है? बस अब पहले जैसा कुछ नहीं रहा... पिता ने बड़े होते हुए बेटे का, सबके सामने कान उमेठना चाहा! तो सहसा उसने अकबका कर, पिता का हाथ झिड़क दिया! इस बात से आहत होकर,पिता, ...
तीन प्रसंग पता नहीं क्या बदला है? बस अब पहले जैसा कुछ नहीं रहा... पिता ने बड़े होते हुए बेटे का, सबके सामने कान उमेठना चाहा! तो सहसा उसने अकबका कर, पिता का हाथ झिड़क दिया! इस बात से आहत होकर,पिता, ...