pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

पश्चाताप या सज़ा ?

4.4
34777

पिछले 25 वर्षों से हर पल संघर्षशील कल्पना अब सुस्ताई सी रहने लगी थी। पता नहीं क्या हो गया था कल्पना को! एक ऊर्जा से भरी रहने वाली औरत एकदम से सुस्त बीमार सी लगने लगी थी। वही कल्पना जिसने पती के मर ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

एक पहाड़ी लड़का। उत्तराखण्ड राज्य के अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर कस्बे से हूँ और फिलहाल दिल्ली में दिन गुजार रहा हूँ। थोड़ा-बहुत लिखने का कीड़ा है तो लिखता हूँ, अच्छा बुरा कैसा भी.. पुरस्कारों का नाम नहीं गिनाऊंगा, क्योंकि ऐसा कभी लिखा नही कि कोई पुरस्कार दे🙊😂 कुछ किताब लिखने की इच्छा है, देखें भविष्य क्या दिखाता। बाकी और कुछ है भी नहीं मेरे बारे में जानने जैसा, फिर भी मुझसे जुड़ना चाहो तो- Gmail id : [email protected](इसी जीमेल को फेसबुक के सर्च बॉक्स से सर्च करने पर आपको मेरी फेसबुक प्रोफाइल भी दिख जाएगी।) वैसे मुझे कोई फॉलो करे ऐसा तो मैंने कुछ किया नही लेकिन इसके बाद भी आप मुझे ट्विटर पर फॉलो करना चाहो तो--  @RajuNegi_UK मेरा ट्विटर हैंडल।   

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Poonam Sharma
    29 मई 2021
    बकबास माफी के काबिल नही थी माना उसका प्रेमी दगाबाज़ था पर सेक्स अकेले तो नही कर फिर प्रेमी की बीबी और मा को सजा क्यू समझ नही सके। लिखा अच्छा पर अंत बकवास लगा हमे
  • author
    Ritesh Rana
    19 मई 2021
    नाटकीय अंत मोहित पर कोई भी आरोप लगाने के साथ खुद अपनी गलती का भी एहसास किया जाना चाहिए था क्योंकि ताली कभी भी एक हाथ से नहीं बजती
  • author
    Karuna Gupta
    24 जून 2020
    बहुत मार्मिक कहानी।सुखांत है इसलिए और अच्छी लगी।
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Poonam Sharma
    29 मई 2021
    बकबास माफी के काबिल नही थी माना उसका प्रेमी दगाबाज़ था पर सेक्स अकेले तो नही कर फिर प्रेमी की बीबी और मा को सजा क्यू समझ नही सके। लिखा अच्छा पर अंत बकवास लगा हमे
  • author
    Ritesh Rana
    19 मई 2021
    नाटकीय अंत मोहित पर कोई भी आरोप लगाने के साथ खुद अपनी गलती का भी एहसास किया जाना चाहिए था क्योंकि ताली कभी भी एक हाथ से नहीं बजती
  • author
    Karuna Gupta
    24 जून 2020
    बहुत मार्मिक कहानी।सुखांत है इसलिए और अच्छी लगी।