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part of the God ईश्वर अंश जीव अविनाशी.....

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आप में भी वह सब कुछ व्याप्त है, जो परमात्मा में है, क्योंकि परमात्मा अपनी सृष्टि के कण-कण में व्याप्त हैं और चराचर जगत में व्याप्त सभी सजीव एवं निर्जीव पदार्थ परमात्मा के ही अंश हैं।

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लेखक के बारे में
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Awadhesh kumar Shailaj

भावनाओं को लिपिबद्ध करना ही काव्य है। चराचर में व्याप्त पिण्डों के पारस्परिक आकर्षण, रासायनिक प्रभाव तथा उनकी छाया तथा प्रकाश के प्रभाव का जीवन एवं जगत के लिए अध्ययन ज्योतिष प्रेम है। लाक्षणिक एवं मनोवैज्ञानिक चिकित्सा होम्योपैथी का आधार है। सृष्टि के कण-कण में व्याप्त परमात्म सत्ता से तादात्म्य स्थापित करने की प्रक्रिया रेकी साधना है।

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