pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

परिवर्तन

4

जीवन तम में साहस करके खुद ही जलना सीख रहा है, एक मुसाफ़िर गिरकर उठना, उठकर चलना सीख रहा है। माना   साहस  टूट  चुका है, धैर्य  लगा  है आपा खोने, और  अश्रुदल निकल पड़ा है भावों का संसार भिगोने। पतझड़ आकर  ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Naveen Ansh Mishra
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है