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परिंदा

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परिंदा ही तो है वो आजाद परिंदा,बेखौफ,निडर कितने भी तूफान आ जाए उसने कभी हार मान कर रुकना नहीं सीखा सिर्फ उड़ना सीखा है बादलों को चीरते हुए...। आजादी के बाद भी हर कोई जकड़ा है,किसी न किसी बेड़ियों ...