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परम मित्र

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BUDDY.... आज मैं भी कुछ चाहती हूँ तु मेरे जीवन की शुरुआत नहीं, मैं तुझे अपना अंत बनाना चाहती हूँ एक छोटी शुरुआत जो कक्षा-9वीं से हुई थी, उसे अनंत बनाना चाहती हूँ। मुझे पता है तुझ पर सिर्फ मेरा हक ...

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एकान्त मन की परिस्थिति

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