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पापा, मैं छोटी से बड़ी हो गई! (लेखक : योगेश सिंहल)

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मेरे आने की खुशी का जश्न, टिमटिमाती आंखों से देखकर, रोक न सकी अपने होंठों की हंसी, खिलखिला उठी सबकी खुशी देखकर। भूख लगे तो रातों को जगना, अब ना कोई ख्वाईश ना कोई सपना, मेरे लिए ये प्रेम ये ...

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लेखक के बारे में
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Yogesh Singhal

दोस्तों, वर्तमान में मैं बैंक ऑफ बड़ौदा में सहायक प्रबन्धक के पद पर कार्यरत हूं। अपना समय निकालकर आपके लिए कुछ कहानी एवम कविताएं लिख रहा हूं। आप सभी इनका आनंद उठाये एवम लाइक एवं शेयर करें।

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