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पहलगाम- 2025

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क्षमा नहीं अब रण होगा ये रण बड़ा भीषण होगा जीवन नहीं मरण होगा पुलकित सारा कण कण होगा प्रतिशोध की ज्वाला धधक रही मन में है वो भभक रही आँखों में मेरी देख जरा कुछ लाला लाल सी दहक रही अब सहो वार भीषण ...

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Dinesh Singh
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