अक्सर जब भी कभी ये बारिश दामन को तुम्हारे भीगाती होगी ना चाहते हुए भी तुम्हे याद हमारी आती होगी हां जब कभी देखकर किसी आईने में तुम बाल आपने बनाती होगी हां यकीनन तुम्हे वहा भी नजर इक झलक हमारी आती ...
अक्सर जब भी कभी ये बारिश दामन को तुम्हारे भीगाती होगी ना चाहते हुए भी तुम्हे याद हमारी आती होगी हां जब कभी देखकर किसी आईने में तुम बाल आपने बनाती होगी हां यकीनन तुम्हे वहा भी नजर इक झलक हमारी आती ...