यह कहानी एक ऐसे पिता की है, जो अपने पोते-पोतियों के दर्शन हेतु अपने बेटे की नौकरी पर रहना चाहता है। पर बेटा उसे नौकरी पर ले जाने वक्त बीच में ही उतार देता है और बाप आत्मग्लानि से भरकर उसी जगह पर ...
यह कहानी एक ऐसे पिता की है, जो अपने पोते-पोतियों के दर्शन हेतु अपने बेटे की नौकरी पर रहना चाहता है। पर बेटा उसे नौकरी पर ले जाने वक्त बीच में ही उतार देता है और बाप आत्मग्लानि से भरकर उसी जगह पर ...