एक शाम मुकुंद अपने छत पे टहल रहा था कि उसको पड़ोस के घर से एक खनकती हुई आवाज सुनाई दी जिसमें जैसे जादू भरा हो। मुकुंद उस आवाज से इतना प्रभावित हुआ कि अगर वो पड़ोसी अवधेश वर्मा का घर नहीं होता तो देख ...
एक शाम मुकुंद अपने छत पे टहल रहा था कि उसको पड़ोस के घर से एक खनकती हुई आवाज सुनाई दी जिसमें जैसे जादू भरा हो। मुकुंद उस आवाज से इतना प्रभावित हुआ कि अगर वो पड़ोसी अवधेश वर्मा का घर नहीं होता तो देख ...