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न्याय

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न्याय जीवन! हमे समझने के लिए और कितनी सफाई चाहिए तुम्हें बताओ मेरी बातों को समझाने के लिए क्या मैं पर्याप्त नहीं मेरी बातों को समझाने के लिए आखिर मुझे क्यों जरूरत पड़ती है उसकी जिससे तुम इत्तेफ़ाक ...

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Rakesh Kumar Srivastava
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